देश में कई बैंक हैं और सभी के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं अगर ये बैंक इन नियमों का पालन नहीं करता हैं तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(आरबीआई) सख्त फैसला लेने में देरी नहीं करता हैं. बता दे आरबीआई ने सितम्बर 2022 में सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया हैं. जिसके बाद से बैंक खाता धारको के बीच खलबली मच गई हैं.
आरबीआई द्वारा जारी एक प्रेस के अनुसार 22 सितम्बर 2022 को मध्य प्रदेश के गुना के ग्रह सहकारी बैंक का लाइसेंस निरस्त कर दिया हैं. कई लोग ये सोच रहे होंगे कि आखिर इस बैंक ने ऐसा क्या किया जो बैंक बंद करने की नौबत आ गई. चलिए जानते हैं इसका कारण क्या हैं.
जानिए बैंक के लाइसेंस रद्द का कारण

बैंक बंद होने के कारण को लेकर आरबीआई ने बताया कि सहकारी बैंक ने लगभग 98.4 फीसदी जमा करता डिपॉजिट बीमा और क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन से अपनी जमा पूंजी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं. बता दे आरबीआई द्वारा लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद से बैंक को तत्काल प्रभाव से खातो में जमा पूंजी की स्वीकृति और किसी भी तरह की गतिविधि पर बैन लगा दिया था.
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बैंक खाता धारकों के पैसों का क्या?
बैंक खाता धारकों को लेकर आरबीआई का कहना हैं बैंक में पैसा जमा करने वालें सभी खाता धारकों को जीआईसी जीसी 500000 रूपए तक अपनी जमा राशि ले सकते हैं. 19 दिसम्बर 2022 तक डीआईसीजीसी ने बैंक के सम्बंधित खाता धारकों की बीमित जमा राशि से लगभग 12.37 करोड़ रूपए का भुगतान कर दिया हैं.
क्या हैं बैंक लाइसेंस रद्द होने का कारण?

बैंक का लाइसेंस क्यों रद्द किया गया. इसे लेकर भी लोगों के मन में काफी सवाल हैं. दरअसल आरबीआई का कहना हैं कि बैंक के पास पैसा और आगे की कमाई की संभावनाएं नहीं हैं. इसी कारण बैंक का लाइसेंस रद्द किया गया हैं.
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