बॉलीवुड अभिनेत्री सुष्मिता सेन इन दिनो अपने और ललित मोदी के रिश्ते को लेकर लगातार सुर्खियो में बनी हुई है। वही इन सबके बीच उनके मिस यूनिवर्स बनने के सफर के बारे में भी बात समाने आई है।जहा एक समय था जब अभिनेत्री को इंग्लिश बोलने नहीं आती थी।और अब वो समय है की इनकी शानदार इंग्लिश सुन लोग दंग रह जाते हैं। मिस यूनिवर्स रह चुकी सुष्मिता सेन की इंग्लिश सुन आप भी दंग हो जायेंगे । अभिनेत्री साल 1994 में मिस यूनिवर्स का खिताब अपने नाम की थी। अभिनेत्री सुष्मिता सेन एक हिंदी मीडियम स्कूल की विद्यार्थी रह चुकी है। अभिनेत्री सुष्मिता सेन ने इस बात का खुलासा एक बातचीत के दौरान किया था। उन्होंने बताया कि वो हिंदी मीडियम स्कूल से पढ़ी थी।
पोस्ट को पड़ने के लिए धन्यवाद ,अगर आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगी हो तो इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करे ताकि हमारा उत्साह बड सके .
सुष्मिता सेन को नहीं आती थी इंग्लिश
वही जब उनसे मिस यूनिवर्स के समय अंग्रेजी में प्रश्न करा गया। तब वो उस इंग्लिश को समझ नहीं सकी थी। अभिनेत्री सुष्मिता सेन साल 1994 में मिस यूनिवर्स का खिताब अपने नाम की थी। जहां उनसे कई सवाल किए गए थे। अभिनेत्री सुष्मिता सेन से प्रश्न किया गया था कि, “आपके लिए एक औरत होने का क्या मतलब है?” इस सवाल का बेहद खूबसूरती के साथ उन्होंने जवाब दिया था। सुष्मिता ने कहा था कि , एक औरत होना ईश्वर का दिया हुआ उपहार है। जिसकी प्रशंसा हम सभी व्यक्तियो को करनी चाहिए । एक बेबी का पैदा होना औरत से होता है, जो की एक मदर बनती है।

एक महिला एक जेंस को चिंता करना , साझा करना हर प्रकार की बाते समझाया और सिखाया करती है। एक महिला होने का यही असली अर्थ है”। इंटरव्यू के दौरान अभिनेत्री सुष्मिता सेन से सवाल किया गया की ।मिस यूनिवर्स के जिनल में प्रश्न किए जाने पार माइंड में क्या चल रहा था? इस बात का जवाब देते हुए अभिनेत्री ने कहा कि , यह मुझे अच्छा लगा क्योंकि एक औरत होने के गुण के बारे में कोई सवाल नहीं करता।
फिर मिस यूनिवर्स कंटेस्टेंट में पूछ लिया इंग्लिश में सवाल
उन्होंने सवाल किया , एक औरत होने का अर्थ क्या है? अभिनेत्री ने आगे बताया कि, ” उन्हे इंग्लिश सही से नही आती थी, क्योंकि वो हिन्दी मीडियम से थी। मुझे नहीं मालूम था कैसे मैं इनके प्रश्नों को समझ गई थी। उन्होंने कहा कि ये सब मुझे नहीं समझ आया की सार क्या होता है। उस दौरान मेरे संग ईश्वर थे और उन्होंने कहा कि यहीं कह दो। क्योंकि तुम अपनी लाइफ भी इसी तरह से गुजारोगी। इसलिए जो दिल में आया कह दिया था।” सुष्मिता सेन बताया कि, एक औरत होना केवल उस गर्भ की बात नहीं है।जिसमे एक नई जिंदगी नौ महीने तक पलती है।
और फिर इस धरती पर जन्म लेती है। वो एक औरत है, जो आगे चलकर मां बनती और एक – दूसरे को प्यार करना सिखाती है। उन्होंने आगे बताया कि, मैं यही बोलती, हे ईश्वर! एक स्त्री होना वास्तव में पावरफुल है। बात करे अभिनेत्री सुष्मिता सेन के फिल्मी करियर की तो, इन्होंने महेश भट्ट की फिल्म “दस्तक” से अपने अभिनय की शुरुआत की थी। जिसके बाद कई फिल्मों में नजर आई और आज इस इंडस्ट्री की एक जानी – मानी मशहूर कलाकार है।