पहले कक्षा पांच में पढ़ने वाले बिहार के नालंदा के रहने वाले सोनू ने हर जगह अपनी टैलेंट की सुर्खिया बटोरी। तो अब पटना जिले के मसौढ़ी अनुमंडल अंतर्गत चपौर गांव के तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले बॉबी राज मीडिया में छाए हुए है। जिनकी टैलेंट की लोग हर तरफ तारीफ करते नजर आ रहे है। बिहार के रहने वाले बॉबी को गणित का फॉर्मूला ऐसा कंठस्थ है कि लोग हैरान हो जाते है। बॉबी को मैथ का जादूगर कहा जाता है। बॉबी के टैलेंट की चमक अब इतनी फैल रही है कि उन्हें मैथ के मैजिसियन की लाइफ का फॉर्मूला ही बदल दिया है। दरअसल, बॉबी राज तो कक्षा थ्री में पढ़ते है , लेकिन दसवीं तक की फॉर्मूला आसानी से लिख देते है । इतना ही नहीं मैथ का मुश्किल से मुश्किल सवाल भी हल कर देते है।
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ये 7 साल का बच्चा कर देता है मैथ की सब प्रॉब्लम सोल्व
जहा हालही में अपनी एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपनी जिंदगी से जुड़ी कई बातो का खुलासा किया है। जिसे सुनने के बाद हर कोई उनकी तारीफ करते नही थक रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, बॉबी अपनी टैलेंट को वो खुद तक सीमित नहीं रखते । बल्कि अपने से बड़े और ऊंची क्लास के विद्यार्थियों को भी बताते और पढ़ाते है। और इतना ही नहीं उनको फॉर्मूला याद भी करवाते है। वही बॉबी से पढ़ने वाले स्टूडेंट भी उन पर प्राउड करते है।
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और कहते कि हमें बॉबी जैसा शिक्षक मिला है । जो गणित के फार्मूलों को चुटकियों में बता देते हैं। बात करे बॉबी की तो ,उन्होंने अपनी एक बातचीत के दौरान बताया की कैसे उन्होंने ये सब कुछ करने की ठानी। बॉबी ने कहा कि उनके घर की माली हालत ठीक नहीं थी। ऐसे में उन्होंने सोचा कि मुझे भी अपने परिवार के लिए कुछ करना चाहिए। बॉबी ने बताया की उनके पिता राजकुमार महतो दिव्यांग है। और पेशे से एक अध्यापक है। तो वही उनकी माता चंद्रप्रभा भी एक शिक्षक है। बॉबी ने बताया की उनके नाम से एक स्कूल भी चलता है। जिसकी स्थापना साल 2018 में हुई थी।
बड़े बड़े मीडिया के लोग है इसके दीवाने
उनके इस स्कूल में दसवीं तक की पढ़ाई होती है । लेकिन लॉकडाउन के दौरान सब कुछ बंद हो गया था। जिस कारण घर की आर्थिक स्थिति डमाडोल हो गई थी। तब बॉबी के पिता उनके साथ उनके दोस्तों को भी पढ़ाने लगे। उसी बीच बॉबी को किसी पेपर में एक बच्चे की तस्वीर दिखी जिसे किसी चीज से सम्मानित किया गया था। जिसे पढ़कर बॉबी ने अपने पिता से कहा कि मेरा भी ऐसे नाम पेपर में एक दिन आएगा।वही बॉबी अपनी बातो को आगे बढ़ाते हुए कहा कि, उन्होंने बेसिक मैथ्स पढ़ना शुरू किया । जिसके बाद वो सिक्स, सेवन क्लास के मैथ्स भी सॉल्व करने लगे।
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तब उन्होंने नौवीं और दसवीं के मैथ्स को भी सॉल्व करने का सोचा और काफी प्रैक्टिस किया। खुद प्रैक्टिस करते – करते अपने साथ के बच्चो को भी बताने लगे। जिसपर बॉबी ने बताया कि, उसी दौरान उन्होंने सोचा कि पढ़ने के साथ – साथ अगर हम किसी को पढ़ाने लगे तो उससे मेरा भी रिवीजन होगा। तभी से बॉबी पढ़ाने लगे और आज के समय में उन्हे मैथ का जादूगर भी कहा जाता है। वही एक बातचीत के दौरान बॉबी की माता चंद्रप्रभा ने बताया था कि, उनका बेटा बड़ा होकर साइंटिस्ट बनना चाहता है। बता दें कि, इससे पहले भी बिहार के कई बच्चो ने अपने टैलेंट को लेकर खूब सुर्खियां बटोरा है।