कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है, बस उस कार्य को ईमानदारी से और लगन से करने की जरूरत होती है। ऐसा ही इन दिनो एक खबर समाने आई है, जहा एक शख्स पच्चास से आज लाखों रुपए कमा रहा है। उनका ये शॉप एक आम जूस की दुकान लगती है। लेकिन इस शॉप की बात ही कुछ अलग है, जो सभी दुकानों से काफी डिफरेंट है। इस जूस की दुकान में जो सभी चीज़ों से भिन्न दिखती है,वो है इसकी “ज़ीरो वेस्ट नीति”। यह जूस बार, बेंगलुरु के आनंद राज के मौलिक विचारों का परिणाम है। आनंद राज जो ईट राजा के नाम से भी फेमस है। इनका ये जूस का दुकान सभी दुकानों से काफी अलग है।
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कभी जूस बना कर बेचते थे और कमाते थे रोटी
जहां इन दिनो ईट राजा काफी चर्चा में बने हुए है। एक इंटरव्यू के दौरान आनंद राज ने अपनी जिंदगी से जुड़ी कई चीजों के बारे में बताया। जहा अपने इस शॉप की चर्चा भी की। ईट राजा ने अपनी जूस की दुकान के नाम के पीछे एक मजेदार बाते भी बताई। उन्होंने बताया की बैंगलोर में राजा वर्ड काफी आम है। सभी इस उपयोग एक दूजे को पुकारने के लिए लिया करते है। इससे एक अपना पन मेहसूस होता है। यही वजह है कि उन्होंने अपने इस शॉप का नाम ईट राजा रखा है। उन्होंने आगे बताया की हर लैंग्वेज के व्यक्ति हमसे बाते कर सके और जुड़ सके।

इसलिए हमने ईट इंग्लिश में और राजा कन्नड में लिखा है। हालांकि, कई बारी लोगो ने इस पर हसा भी । आपकी जानकारी के लिए बता दे की, आनंद राज इस पूर्व बैंगलोर में बीट राजा के नाम से फेमस थे। क्योंकि जूस बार ओपन करने से पूर्व वो रेडियो में कार्यरत थे। उन्होंने करीब तेरह वर्ष तक बतौर रेडियो जॉकी ने काम किया है। जिस कारण उनको बीट राजा से लोग जानते थे। आनंद राज ने इस बात की शायद ही कल्पना की होगी की रेडियो छोड़ उनको जूस की दुकान खोलने होगी। लेकिन अचानक एक घटना के कारण उन्हें ये दुकान ओपन करना पड़ गया। और तब से बीट राजा से वो ईट राजा बन गए। दरअसल, साल 2017 में उनके फादर के देहांत के बाद उन्होंने अपनी मां के साथ यह कारोबार खोलना शुरू किया ।
आज सालाना कमाई है 50 लाख रूपए
आनंद राज ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। जिसके बाद वो रेडियो में काम करने लगे। और कई न्यू – न्यू प्रयास भी करते थे। उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग का उपयोग कर जब केले के छिलके के कप में लोगों को जूस पिलाया। तब सब काफी अचंभित हुए की ये कैसे पॉसिबल हो सकता है। आनंद राज ने अपने जूस की दुकान के बारे में बात करते हुए कहा कि, हमारा सबसे अधिक चिली अमरूद बिकने वाला जूस है। उनके मुताबिक उनकी बिक्री जूस के वजह से कम और उनके शानदार तरीके के कारण अधिक होती है। ईट राजा यह बोलते हैं कि उनकी दुकान का मकसद जूस बेचना नहीं बल्कि इको फ्रैंडली तरीकों की बिक्री करनी है। वह सभी को यह संदेश देना चाहते है की एनवायरमेंट के अनुकूल भी कारोबार मॉडल हो सकते हैं।
स्टार्टिंग के दिनो मे कठिन परिस्थितियों के बारे में बात करते हुए आनंद राज ने कहा की , ‘ कई बार तो ऐसा भी हुआ है कि ग्राहक ने स्ट्रॉ की डिमांड करी। लेकिन वो हमारे पास होता नहीं था। जिससे कस्टमर चले जाते थे। जब मैं उनको समझाता था तो गुस्सा होकर चले जाते थे। कभी – कभी तो पूरे दिन बिक्री नहीं होता था। लेकिन फिर समय के साथ मैंने अपने समझाने के तरीके में भी काफी कुछ सुधार लाया और ग्राहक समझने भी लग गए। आनंद राज अपनी मदर के संग मिलकर ये जूस बार चलाते थे। उन्होंने आगे कहा की परमेश्वर की दया से कारोबार सही चल रहा है। जहा मंथली दो से तीन लाख की अच्छी कमाई हो जाती है। हम अन्य शहरों में भी अपने इस जूस के दुकान को खोलना चाहते है।’