Bhalaji damor cricketer : भारतीय क्रिकेट टीम में एक से एक खिलाडी है जिन्होंने अपने खेल के बल पर देश का नाम उच्चा किया है ,लेकिन हमारे देश का सिस्टम कुछ ऐसा ही की यहाँ लोग जिसको सर पर चडाते है फिर थोड़े टाइम बाद उसको भूल भी जाते है .हम आपको आज एक ऐसे खिलाडी के बारे में बताने जा रहे है जिसका नाम आपने शायद ही सुना हो और उनका नाम है भालाजी डोमोर .ये अकेले ऐसे खिलाडी है जिन्होंने 1998 में अकेले अपने दम पर भारत को ब्लाइंड क्रिकेट वर्ल्ड कप जिताया था .इन्होने अपने क्रिकेट करियर में बहुत विकेट भी लिए और रन भी बनाये ,इनकी इस परतिभा को देख कर हमारे देश के राष्ट्रपति ने इनको काफी इनामो से भी नवाज़ा था .लेकिन इस खिलाडी की आज ऐसी हालत हो गयी है की ये भेड़ बकरिया चराने को मजबूर है ,क्योकि क्रिकेट छोड़ने के बाद इनको कोई भी नौकरी नहीं मिली और आज इनकी हालत बहुत ही ज्यादा ख़राब है .
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भालाजी डोमोर आज के समय में बहुत ही ख़राब हालत में है
भालाजी डोमोर अरावली जिले के पिपरानी गाव में रहते है और उनकी आज कल हालत बहुत ही ज्यादा ख़राब है ,उनकी हालत का अंदाज़ा इस बात से ही लगाया जा सकता है की उनके घर में खाना खाने के लिए बर्तन भी नहीं है .भालाजी डोमोर के परिवार में तीन सदस्य है एक वो एक उनका 4 साल का बेटा जिसकी आख्ने बिलकुल सही है और एक उनकी पत्नी अनु .
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तीनो परिवार के आदमी अपने टूटे फूटे घर में जमीन पर सोते है और उनकी पत्नी दुसरो के खेतो में काम करके कुछ पैसा कमा लेती है .भालाजी डोमोर के पास आज तक भी उनको दिए हुए सर्टिफिकेट सम्भाल कर रखे हुए है उन्होंने इन के बदले बहुत ही नौकरी पाने की कोशिश की लेकिन उनको इसमें सफलता नहीं मिली .
भारत को सेमी फाइनल में भालाजी डोमोर ने ही पोह्चाया था
भालाजी डोमोर अपने घर के पास ही एक स्कूल में जाते है और वहा बच्चो को क्रिकेट के गुर सिखाते है ,जिनके बदले उनको बहुत ही मामूली से राशी मिलती है .वो महीने में जितनी भी मेहनत करते है उसको मिला कर उनकी कमाई कुल 3000 रुपये ही होती है इस से ज्यादा तो उनको 5000 तब मिले थे जब उन्होंने वर्ल्ड कप जिताया था .
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वो एक मात्र ऐसे खिलाडी है जो अपने बलबूते पर टीम को वर्ल्ड कप के फाइनल में ले गए थे और अपने दम पर ये मैच भी जिताया था लेकिन आज के समय में उनकी ऐसी हालत हो गयी है और हम सरकार से ये गुजारिश करते है की उनकी साहयता करी जाए और इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर किया जाए .