पौराणिक कथा – कहानियों में कैलाश पर्वत को भगवान शंकर जी का निवास स्थान माना गया है। यह पर्वत अपने आप में कई कथा – कहानियों को समेटे हुए है। वही पौराणिक मान्यताओं में बटे जाता है कि, कैलाश पर्वत के पास प्राचीन धन कुबेर नगरी भी है। हालांकि, इसके निश्चित स्थान के बारे में अब तक कुछ मालूम नही चल पाया है। वही आज हम आपको इस लेख के माध्यम से कैलाश पर्वत से संबंधित कुछ रहस्यमई तथ्य बताएंगे। जिनके बारे में बहुत कम लोगो को मालूम होगा। तो आईए जानते है उन रहस्यमई तथ्यो के बारे में।
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बताया जाता है कि, जो व्यक्ति अच्छे कर्म करता है। उसे मृत्यु के बाद कैलाश पर्वत पर जगह मिलता है। यहां प्राचीनकाल से ही अच्छी आत्माओं का वास माना गया है। साथ ही इस स्थान को अप्राकृतिक शक्तियों का केंद्र भी माना जाता है। इसके अलावा अन्य कई ऐसे रहस्य है। जिसके बारे में वैज्ञानिक आज तक मालूम नही कर पाए है।
1: कैलाश पर्वत को एक्सेस मुंडे रीजन माना जाता है। जिसका अर्थ होता है ब्रह्मांड का सेंटर। वही बताया जाता है कि, कैलाश पर्वत पर भौतिक और आध्यात्मिक दुनिया मिलकर एक हो जाती है। बता दे कि, कैलाश पर्वत से नॉर्थ पोल की दूरी 666 किलोमीटर है। वही साउथ पोल की दूरी 13332 किलोमीटर है। वैज्ञानिको का मानना है कि, कैलाश पर्वत के भीतर एक रहस्यमई दुनिया भी है। यह भी बताया जाता है कि, कैलाश पर्वत मौसम को नियंत्रित करती है।
2: कैलाश पर्वत के बारे में बताया जाता है कि, यह सेंटर कई प्वाइंट है। जहा एक तरफ से क्रिस्टल ,दूसरी तरफ से रूबी, तीसरी और से स्वर्ण और चौथी और से नीलम है। वही कैलाश पर्वत पर सतलज,घाघरा और गंगा नदी का उद्गम होता है।
3: कैलाश पर्वत के बारे में तीसरा रहश्य यह बताया जाता है कि, यहां वक्त काफी तेज़ी से बढ़ता है।यह समय की गति तेज होती है। वैज्ञानिकों ने माना है कि, एक बार साइबेरियन मोक्टेल्स का एक समूह कैलाश पर्वत पर चढ़ाई के लिए आया था। जहां वो चढ़ तो गया था लेकिन एक दशक में ही काफी जल्दी बूढ़ा हो गया । जहां वहा से उतरने के एक वर्ष बाद ही उनकी देहांत हो गई। यह भी बताया जाता है कि, यह बहुत जल्दी बाल और नाखून बढ़ते है।
4: वही इस कैलाश पर्वत पर मान सरोवर झील और रक्षा ताल झील 320 स्क्वायर किलोमीटर में है। जिसे लेकर यह बताया जाता है कि, मान सरोवर झील पर सभी देवी – देवता सुबह के तीन से चार बजे स्नान करने को आते है। वही यह भी कहा जाता है कि, इस झील का पानी पीने से इंसान स्वर्ग जाता है। वही इस नदी के पास में एक गौरी कुंड भी है। जिसे लेकर बताया जाता है कि, यहां पार्वती जी भगवान शिव जी को पाने के लिया घोर तपस्या की थी।
5: कैलाश पर्वत की ऊंचाई के बारे में बताए तो इसकी ऊंचाई 6638 मीटर है। परंतु आजतक इस पर्वत पर कोई छू नही सका है। वही ये भी बताया जाता है कि, ग्यारहवीं शताब्दी में एक तिब्बत बौद्ध योगी कैलाश पर्वत पर चढ़ा था। जिन्हे मिला रेपा कहते हैं। जिन्होंने कैलाश पर्वत को छुआ था। वही यहां पर अक्सर डमरू और ओम की आवाज भी गूंजती हैं। यह भी बताया जाता है कि, भगवान शिव यहां पर मौजूद रहते हैं।