नसीब भी कब किसका बदल जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है। किसका नसीब कब चमक जाए इसके बारे में सिर्फ ऊपरवाले को ही मालूम है। ऐसी ही एक खबर समाने आ रही है , जहा बताया जा रहा की कभी लाले पड़े थे रोटी की और आज रोटी की भरमार है। जी हां! हरिद्वार के पिरान कलियर में पेट भरने के लिए जूठे बर्तन साफ करने वाला एक बच्चा अचानक रईस बन गया। यह बच्चा कलियर के शरीफ दरगाह के पास मौजूद एक ढाबे पर झूठे बर्तन साफ करता था। जो अचानक से रातों – रात अमीर हो गया । बता दें कि, इस बच्चे का नाम शाहजेब है । अब आपके मन में यह सवाल उठता होगा की आखिर ये बच्चा कैसे अमीर बन गया? तो हम आपको बता दें कि, इस बच्चे की कोई लॉटरी नहीं लगी है बल्कि शाहजेब का खोया हुआ परिवार मिल गया है।
पोस्ट को पड़ने के लिए धन्यवाद ,अगर आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगी हो तो इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करे ताकि हमारा उत्साह बड सके .
बर्तन मांजने वाला निकला करोडपति
आगे हम इस बारे में आपको इस लेख के माध्यम से विस्तार से बताएंगे। दरअसल, इस बच्चे को उसका परिवार मिल गया है। जहा बताया जा रहा है कि, सहारनपुर के रहने वाले एक परिवार ने अपना वारिस खो दिया था। जिसके नाम पर करोड़ों की संपत्ति है। शाहजेब अपना पेट पालने के लिए दुकान पर बर्तन साफ करता था। क्योंकि,बहुत छोटी उम्र में ही उसने अपने पैरेंट्स को खो दिया था। उसके माता – पिता सहारनपुर के रहने वाले थे। शाहजेब सहारनपुर के थाना नागल के गांव पंडोली के रहने वाले। नावेद और इमराना दोनो का बेटा है।
सर्दी खांसी जुखाम एक बार में हो जाएँगी ख़तम इस खुराक से
जहा परिवारिक नाराजगी के कारण शाहजेब की मां इमराना अपना ससुराल छोड़कर अपने मायके चली गई थी। नावेद ने अपनी वाइफ इमराना को मनाने की काफी कोशिश की थी। लेकिन वो नहीं मानी और अपने बेटे शाहजेब को लेकर कलियर शरीफ आ गई थीं। सूत्रों के मुताबिक, इमराना को काफी तलाश किया गया लेकिन वह नहीं मिली। और कुछ समय बाद उसके पति का देहांत हो गया। वहीं दूसरी तरफ इमराना का भी निधन हो गया। अब ऐसे में शाहजेब अकेला हो गया और लेकिन उसने हार नहीं मानी व पेट पालने के लिए दुकान पर नौकरी करने लगा। मिली जानकारी के मुताबिक, शहाजेब कभी किसी दुकान पर बर्तन साफ किया करता था। तो कभी कलियर शरीफ में आए हुए लोगो की सेवा किया करता था।

वहीं, उसके दादा – दादी उसे ढूंढने की काफी कोशिश किए लेकिन वो उन्हे नहीं मिला। लेकिन एक दिन उसके कोई रिलेटिव कलियर शरीफ आए हुए थे। जहा पर उसके रिश्तेदार उसकी तस्वीर दिखाकर उसके बारे में लोगो से पूछा था। लेकिन वो उसके बचपन की तस्वीर थी ,जिस वजह से लोग उसे नहीं पहचान सके। लेकिन एक दिन कुछ ऐसा करिश्मा हुआ कि, वो खुद वहा पहुंच गया । जहा उसके रिश्तेदार थे और उसे देखते वो पहचान गए। शाहजेब के मिलने के बाद उसके घरवालों को उसकी जानकारी दी गई। और उसके घरवाले उसे लेने वहा पहुंचे। वहीं, घर पहुंचने के बाद शाहजेब को मालूम चला की वो करोड़ो की दौलत का मालिक है। तभी कहा जाता है कब किसकी किस्मत कहा पहुंच जाए ।ये बात ऊपरवाले के सिवा कोई नहीं जानता है। जैसा की शाहजेब के साथ हुआ है।