हनुमान चालीसा : बजरंगी बली हनुमान की पूजा करने वाले दुनिया के कोने-कोने में मौजूद हैं. दरअसल भगवान हनुमान खुद प्रभु श्रीराम के बड़े भक्त थे और उनकी भक्ति लोगों को काफी कुछ सीखाती हैं. जब कोई मुसीबत में होता हैं या किसी भी चीज का डर सता रहा होता हैं तो सबसे पहले जुबान पर बजरंग बली का नाम ही आता हैं और वे हनुमान चालीसा का गुणगान करने लगता हैं लेकिन अगर कोई आपको ये कहें की जो हनुमान चालीसा आप वर्षों से पढ़ते आ रहे हैं वो गलत हैं. तो आप क्या सोचेंगे?. दरअसल जगदगुरु रामभद्राचार्य ने हनुमान चालीसा में कुछ गलतियां बताई हैं.
क्या हनुमान चालीसा की गलत लाइन्स पढ़ते आ रहे हैं हम?

सोशल मीडिया में इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा हैं. जिसमे जगदगुरु रामभद्राचार्य से एक सवाल पूछा गया कि कहा जा रहा हैं कि बजरंग बली की हनुमान चालीसा में कुछ गलत लाइन अंकित है उस पर आप भक्तों को क्या बताना चाहेंगे?. इस सवाल के जवाब में संत ने बिना किसी देरी के हनुमान चालीसा में गलतियां गिनवा दी.
ALSO READ: AI ने बनाई भगवान श्रीराम की तस्वीरें, फोटो देख सोशल मीडिया पर क्रेजी हुए भक्त
जगदगुरु रामभद्राचार्य ने बताया, कि हनुमान चालीसा की एक लाइन में लोग कहते हैं कि शंकर सुवन. ये लाइन गलत हैं. दरअसल हनुमान जी शंकर जी के पुत्र नहीं हैं बल्कि हनुमान जी शंकर जी ही हैं. जो असली हनुमान चालीसा हैं उसमे बोला जाता हैं कि शंकर स्वयं केसरी नंदन है न कि शंकर सुवन केसरी नंदन है.

दूसरी गलती लोग 27वें चौपाई में करते हैं जब वे बोलते हैं कि ‘सब पर राम तपस्वी राजा’. लेकिन बोला ये जाना चाहिए कि सब पर राम राज सिर ताजा.
ALSO READ: शरीर छोड़ने से एक घंटा पहले मिलता है ये संकेत, खुद गरुड़ भगवान ने बताये ये संकेत
तीसरी गलती 32वें चौपाई में हैं, जहाँ बोला जाता हैं कि राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपती के दासा न होकर सादर हो रघुपति के दासा है. भक्त इस लाइन को भी हमेशा गलत पढ़ते हैं. इसके आलावा उन्होंने आखिरी गलती बताते कहा कि लोग ये लाइन भी गलत पढ़ते हैं कि ‘जो सत बार पाठ कर कोई की जगह यह पाठ सत बार कर जोई, छुट ही बंदी महा सुख होई होगा.’