हम एक ऐसे समाज में रहते है, जहा लड़को के पैदा होने पर ढोल- नगाड़े सब कुछ बजने लगते है। वही जब लड़किया पैदा होती तो कई लोग दुखी भी हो जाते है। और इंडिया में ज्यादातर लोगों को बेटा पैदा होने का इंतज़ार होता है।लेकिन ये बाते सबके साथ नहीं होती। कई फैमिली ऐसी भी है, जिनके घर बेटियों के जन्म से खुशी मनाते है। आज हम आपको भारत के रहने वाले एक ऐसी फैमिली के बारे में बताएंगे।जिनके घर बेटी के जन्म होने से पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। तो आईए जानते है उस परिवार के बारे में।
एक ऐसा परिवार जिनके घर सात पीढ़ियों के बाद एक कन्या का जन्म हुआ। ये फैमिली लड़की के जन्म होने के लिए तरस गया था। जब सात पीढ़ी के बाद इनके घर एक कन्या का जन्म हुआ। तो इस परिवार में ढोल – नगाड़े ही नहीं। बल्की अपनी बेटी के पैदा होने की खुशी में वो कर दिया।जो शायद एक लड़के के जन्म होने पर कोई फैमिली शायद ही करे । जी हां! इस परिवार ने बेटी के पैदा होने पर चांद पर एक एकड़ जमीन रजिस्ट्री कराई और इसे अपनी बिटिया को उपहार के तौर पर दिया। जिसे जानने के बाद ये पूरा परिवार सुर्खियो में बना हुआ है। आगे हम आपको चांद पर जमीन खरीदने के बारे में विस्तार से बताते हैं।
*सात पीढ़ी के बाद घर में बेटी पैदा होने की खुशी में चांद पर खरीदा जमीन*
बेटी के जन्म होने के बाद ये परिवार काफी खुशी है।अपनी जानकारी के लिए बता दे की, यह फैमिली बिहार के मधुबनी जिला का रहने वाला है। जहां एक एक डॉक्टर दंपति ने अपनी बिटिया के पैदा होने खुशी में चांद पर जमीन खरीद लिया। इसे यादगार बनाने तथा समाज में बेटी के प्रति पॉजिटिव विचार को उत्पन्न किया। इस फैमिली ने अपनी लाडली को उसके दसवें वर्षगांठ पर यह अनोखा उपहार दिया है। जिसे लेकर पूरा परिवार सुर्खियो में बना हुआ हैं।
बिहार के रहने वाले डॉक्टर सुरविन्दु झा साथ उनकी पत्नी डॉक्टर सुधा झा ने अपनी लाडली आस्था के नाम से चांद पर 1 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री कराई है। ये डॉक्टर दंपति का कहना है कि, आस्था सात पीढ़ी के बाद हुई है।जहा पूरा परिवार बेटी के लिए तरस गया था। ये उनके घर की पहली बेटी है। डॉक्टर सुरविन्दु ने बोला कि, बेटी किसी की भी हो उसे मान – सम्मान और इज्ज़त भरपूर मिलना चाहिए। बेटो और बेटी में कोई फर्क नहीं होनी चाहिए। जहां उनके परिवार में यह खुशी कई वर्षो के बाद प्राप्त हुई है। आस्था के पैदा होने के बाद पूरा परिवार खुशी से झूम गया ।
हम सब अपनी बेटी का इस दुनिया में स्वागत कर बेहद खुश है। इसलिए इस खुशी को अहम बनाने के लिए हमने अपनी लाडली को उनके जन्मदिन पर चांद पर जमीन खरीदकर उपहार दिया है। डॉक्टर सुरविन्दु झा के अनुसार, अपनी लाडली के लिए मून पर जमीन लेने का प्रोसेस लगभग एक से डेढ़ वर्षो तक चला। इसे लेने के लिए डॉक्टर सुरविंदु ने अमेरिका के लूना सोसायटी की वेबसाइट पर रेसिट्रेशन करा। फिर उसके बाद कई तरह की डॉक्यूमेंट प्रक्रिया को कंप्लीट किया। जिसके बाद सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उनका ये रेस्ट्रेशन प्रोसेस पूरा हो गया। और इस साल के शुरुआत में उन्हे चांद पर जमीन मिल गया। जिसे उन्होंने अपनी बेटी को उपहार के तौर पर दिया।
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