कोलकाता के रहने वाले एक कारोबारी को लेकर बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है। जहा बताया जा रहा है कि,उनके घर करोड़ो की नोट बरामद हुई है। प्रवर्तन निदेशालय के ऑफिसर्स ने कोलकाता के रहने वाले। बिजनेसमैन आमिर खान के मकान पर छापेमारी में जहा उन्हे सत्रह करोड़ रुपये से ज्यादा की गड्डी बरामद हुई है। आमिर खान के घर से दस ट्रंक मिल, जिसमें दो से पांच सौ तथा दो हजार के कई नोटों को उस ट्रंक में भरा गया है। ईडी ने यह नोटों की गड्डी कारोबारी आमिर खान के गार्डन रीच मौजूद आशियाने से बरामद की है। आमिर ख़ान के घर जांच एजेंसी की छापेमारी स्टर्डे की सुबह स्टार्ट हुई थी। जहा इन ढेरों नोटो की काउंटिंग बीते रात्रि तक हुई थी। निर्वाचन निदेशालय की टीम के संग बैंक के अधिकारी भी थे।
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कोल्कता के बिज़नस मेन के घर लगी रेड
इन कैशो में अधिकतर पांच और दो हजार के नोट प्राप्त हुए है। वहीं इस गिनने की प्रक्रिया काफी रात तक चली। निर्वाचन निदेशालय अधिकारी की यह छापेमारी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के प्रावधानों के तहत करी गई थी। फेडरल बैंक के अधिकारी के द्वारा प्रमुख मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में दर्ज एक कंप्लेन के आधार पर ।

व्यवसाई आमिर खान तथा अन्य के खिलाफ वित्तीय वर्ष पंद्रह फरवरी को कोलकाता के एक पुलिस स्टेशन में पहली बार एफआईआर की गई थी। बताया जा रहा है कि, बिजनेसमैन आमिर ख़ान ने ई नगेट्स नाम का एक मोबाइल गेम ऐप लॉन्च करा था। जिसे जालसाजी करने के लिए निर्मित किया गया था। इस एप्लिकेशन से पूर्व यूजर्स को कमीशन के संग रिवार्ड भी दिया गया। जिसके बाद यूजर्स के वॉलेट में रूपए सेंड किया गया।
ट्रको में ठूस ठूस के भरे हुए थे नोट
जब खेलने वाले को विश्वास हो गया तो वो इस गेम खेलने वाले ऐप पर और भी रूपए लगाने लग गए। जहा जांच एजेंसी ने कहा कि, यूजर्स जब इस गेमिंग एप्लीकेशन से अधिक रुपए प्राप्त कर लिए। उसके बाद कैश निकलने की प्रक्रिया पर रोक लग गई। जिसमे टालमटोल करते हुए यह बताया गया की सिस्टम अपग्रेड व कानून व्यवस्था के द्वारा इसकी जांच पड़ताल हो रही है। उसके बाद फ्रोफाइल से सभी डाटा को एप्लीकेशन सर्वर से हटा दिया गया।
जिसके बाद उपयोग कर रहे यूजर्स को उनकी चल समझ आई की हमारे साथ जालसाजी की गई है। इससे पूर्व बीते दिन जांच एजेंसी ने मोबाईल गेम ऐप से जुड़ी जानकारियां प्राप्त करने के लिए। कोलकाता के छः जगह पर जांच पड़ताल भी की थी। जहा निर्वाचन निर्देशालय ने बताया कि, इस खोजबीन के दौरान यह मालूम चला की। यह संस्थाएं नकली खाते का उपयोग कर रही थी। जहां गेम में रुचि रखने वाले उपयोगकर्ता को ठग कर उनसे करोड़ो रूपए प्राप्त किए है।