जापान के टोकियो में हो रहे ओलंपिक खेल में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीतकर संपूर्ण भारत के लोगों को गर्वित महसूस करवाया है। नीरज चोपड़ा जब भारत के लिए गोल्ड मेडेल जीते थे तब उन्होंने इंटरव्यू दिया था बहुत सारे न्यूज चैनल को अपना एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया था।अपने इंटरव्यू के दौरान नीरज चोपड़ा ने अपने मन की बहुत सारी बातों को इंटरव्यू के दौरान खुलकर बताया। नीरज चोपड़ा का कहना था कि वह गोल्ड मेडल जीतने के लिए बरसों से इंतजार कर रहे थे और अब जाकर उनका यह सपना पूरा हुआ।
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नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीता था और जब उनसे इंटरव्यू के दौरान पूछा गया कि वह कैसा महसूस कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि मुझे अभी भी यकीन नहीं हो रहा है कि मैंने गोल्ड मेडल जीता है। कभी खुशी से पागल हो जा रहा हूं तो कभी नार्मल हो जा रहा हूं।इंटरव्यू के दौरान नीरज चोपड़ा से पूछा गया कि आप अपने मैडल को किस को डेडिकेट करना चाहते हैं तो उन्होंने मिल्खा सिंह का नाम लिया।नीरज का कहना था कि मिल्खा सिंह एक ऐसे व्यक्ति थे जिनका एक सपना था कि भारत में कोई व्यक्ति गोल्ड मेडल लेकर आए और जब वह जीते तो राष्ट्रगान बजे।आज मैंने उनका यह सपना पूरा किया है भले ही वह आज हमारे बीच नहीं है।

लेकिन आज मैंने उनका यह सपना पूरा किया है।काश की वह मेरी इस जीत को अपनी आंखों से देख पाते। लेकिन मुझे यकीन है कि वह जहां भी होंगे वह मुझे देख कर खुश हो रहे होंगे। नीरज चोपड़ा का यह पहला ओलंपिक था और और पहले ओलंपिक में ही उन्हें गोल्ड मेडल मिल गया और इसी बात पर उन्हें बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा है।नीरज ने बताया कि मेरी प्रेक्टिस बहुत अच्छे से हुई थी और क्वालीफाइंग राउंड में भी मैंने अच्छा किया था। मुझे कॉन्फिडेंस अंदर से मिल रहा था।मेरे कॉन्फिडेंस लेवल और मेरे पॉजिटिव थिंकिंग ने मुझे आज गोल्ड मेडल जीताया है। मैं अपने भावनाओं को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। लेकिन मैं बहुत खुश हूं।
मैं अपने देश के सभी लोगों को धन्यवाद देना चाहूंगा क्योंकि यह सब उनकी प्रार्थनाओं और इच्छाओं के कारण ही संभव हो पाया है। मैंने यह गोल्ड मेडल जीता है। मेरी भावना अभी खत्म हो जाएगी। लेकिन मुझे यकीन है कि जब मैं भारत वापस आऊंगा तो मुझे एहसास होगा कि मैंने देश के लिए कुछ किया है।