अस्थमा (Asthma) जैसी खतरनाक बीमारी की समय पर पहचान हो जाने से इसे नियंत्रित किया सकता है। जी हां ! यदि वक्त पर दमा के बारे में मालूम लग जाए तो इसका इलाज आसान हो जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि, इस बीमारी में दौरा तेज होते ही पेसंट के दिल की धड़कन और सांस लेने की गति काफी ज्यादे बढ़ जाती है। ऐसे में मरीज खुद को बेचैन व थका हुआ फील करने लगता है। लेकिन आज हम आपको अस्थमा (Asthma) जैसी बीमारी से छुटकारा पाने का एक ऐसा घरेलू नुस्खा बताएंगे। जिसका उपयोग कर आप आसानी से इस खतरनाक बीमारी से निजात पा सकते है।
पोस्ट को पड़ने के लिए धन्यवाद ,अगर आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगी हो तो इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करे ताकि हमारा उत्साह बड सके .
दमा (Asthma) का कर सकते है बहुत आसानी से इलाज
जैसा की आप सब जानते कई ऐसे घरेलू नुस्खे है। जिसकी उपयोग से हम कई बीमारियों से छुटकारा पा सकते है। ठीक उसी प्रकार इस दमा जैसी बीमारी से भी आप इन घरेलू उपचार से छुटकारा पा सकते है। जो काफी आसानी से घर पर प्राप्त हो सकता है। लेकिन उससे पहले बता दें कि, अस्थमा का दौरा जब किसी को पड़ता है। जब वो खुद में काफी बेचैन मेहसूस करता है। और काफी गहरी व्यक्ति सांसे लेने लगता है। जिस कारण खासी भी आने लगती और साइन में जकड़न मेहसूस होने लगती है। लेकिन आज हम आपको इस बीमारी से छुटकारा पाने के कुछ ऐसे घरेलू उपचार बताएंगे।
अपने पति अभिषेक को धोखा दे कर ऐश्वर्या राय ने की रणवीर कपूर के साथ गलत हरकत ,देखे विडियो
इसका घरेलू इलाज काफी आसान और कारगर है। जो थोड़ी सी जड़ी बूटियों के इस्तेमाल से घर पर ही इसका उपचार किया जा सकता है। यह नुस्खा बिल्कुल मुफ़्त है और घर पर तैयार किया जा सकता है। तो आईए देखते हैं दमे के इलाज का घरेलू उपचार। आपको इसके लिए आंकड़े की जड़ लेनी है और उसकी छाल निकालनी है। और उसी के साथ आपको अजवाइन भी लेना है। जो बेहद आसानी से आपको आपके घर के किचन में मिल जायेगी।

वही जब ये दोनों ले तब इन्हें इक्वल भाग में बाटकर उसका पाउडर बना लें। जब पाउडर बनाकर तैयार हो जाए। तब रोजाना इसे सुबह और शाम एक चुटकी लेकर गर्म पानी के साथ पी जाए। उसी के साथ एक पीपल का पत्ता भी गर्म पानी में उबालकर पीना है। और इस पानी को तब तक उबाले जब तक की पानी आधी न हो जाए। जब यह आधी हो जाए तब इसे आप पी सकते है। ऐसा रोजाना करने से आपको दमा जैसी बीमारी से छुटकारा प्राप्त हो जायेगा। इसके अलावा गौ मूत्र भी उपयोग कर सकते है। लेकिन यह मूत्र उसी गाय का इस्तेमाल करे जो बीमार ना है। इसका उपयोग अगर आप गर्मियों के सीजन में कर रहे है। तब आप गाय का मूत्र 20 से 30 एमएल ही करे । वहीं,यदि सर्दियों का मौसम है तब आप इसकी मात्रा बढ़ा सकते है।