इंटरनेट पर कई ऐसी कहानियां सुनने को मिलती हैं, जिस पर भरोसा करना मुश्किल हो जाता हैं. इसी बीच आज इस लेख में हम आदित्य वशिष्ठ की एक ऐसी कहानी लाए हैं, जिसे सुनने के बाद अपनी आँखों से आंसू छलकने लगेगे. दरअसल सिर्फ 26 साल की उम्र में आदित्य को आधे शरीर पर लकवा मार गया था. इसके बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ गया. इतने बड़े दो झटकों से उभरना किसी के लिए भी आसान नहीं होता हैं. वशिष्ठ के साथ भी ऐसा ही हुआ.
आदित्य की स्थिति इतनी खराब हो गई कि वह पैरों पर खड़े होना तो दूर उंगली तक नहीं हिला पाते थे लेकिन उनके मन में एक जिद थी कि वह अपने पैरों पर खड़े होगे और आपको जानकर हैरानी होगी कि आदित्य वशिष्ठ आज जिम ट्रेनर हैं. आज इस लेख में हम जानेगे कि ये सब कैसे संभव हुआ.
26 साल की उम्र में भयानक बीमारी की चपेट में आए आदित्य वशिष्ठ

आदित्य को महज 26 वर्ष की उम्र में एक बेहद ही गंभीर बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया था. जिसके चलते अचानक से उनके शरीर के दाहिने हिस्से में लकवा मार गया. इसके बाद उन्हें बेहद ही गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां जांच के बाद ये पता था कि आदित्य को गुलेन-बार सिंड्रोम (Guillain-Barre syndrome) है. दरअसल ये एक अलह ही तरह का डिसऑर्डर होता है. इसमें इंसान के शरीर का इम्यून सिस्टम नसों पर लगातार हमला करता है और देखते ही देखते पूरे शरीर में लकवा मार जाता है.
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आदित्य वशिष्ठ की स्थिति देखकर डॉक्टरों ने परिवार को बता दिया था कि उनका ठीक होना लगभग असंभव हैं. जब ये बात आदित्य को पता चली तो वह मन ही मन अंदर से टूट गए थे. डॉटर की बातें सुनने के बाद वह नहीं चाहते थे कि उनकी पत्नी की ज़िन्दगी खराब और उन्होंने अपनी पत्नी को उन्हें छोड़कर जाने को कह दिया था लेकिन उनकी पत्नी ने शादी के पवित्र बंधन का मान रखते हुए अपने पति का साथ नहीं छोड़ा.
आदित्य वशिष्ठ लंबे समय तक हॉस्पिटल में रहे. इस दौरान वह अपने शरीर की मोमेंट करने की कोशिश करते थे लेकिन कुछ भी सही नहीं हो रहा था. लेकिन कभी हार का मानने का जज़्बा उसमे हमेशा कायम रहा. लगातार कोशिशों के बीच एक दिन ऐसा आया तब उनके शरीर ने हल्की मोमेंट की. दरअसल ये किसी चमत्कार से कम था. डॉक्टर के लिए भी ये बेहद हैरानी वाला पल था. इसके कुछ दिनों बाद आदित्य अपने पैरों पर खड़े हो गए.
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आदित्य वशिष्ठ को फिर लगा बड़ा झटका

आदित्य वशिष्ठ लकवे से धीरे-धीरे उभर ही रहे थे कि उन्हें दिल का दौरा पड़ गया. जिसका लगभग 9 महीनों तक ईलाज भी चलता रहा. लेकिन फिर वह पूरी तरह से ठीक हो गए और साल 2019 में वह वतौर जिम ट्रेनर काम करने लगे.
नोट: आदित्य वशिष्ठ की कहानी लोगों को ये सीख देती हैं कि कुछ भी हो जाए कभी हार न मानों और हमेशा खुद पर भरोसा रखों.