Virender sehwag family : अगर क्रिकेट की बात होती है तो कई खिलाडी ऐसे जिनका नाम लिए बगेर क्रिकेट की बात पूरी नहीं होती उनमे से एक खिलाडी है ,वीरेंदर सहवाग .ये एक ऐसे बल्लेबाज थे जब ये बेट पकड़कर मैदान में आते थे बोलर को पसीना आ जाता था ,क्योकि ये थे ही ऐसे खिलाडी ,खब्बे हाथ से खेलने वाले इस बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग ने अपने जीवन में बहुत ही रिकॉर्ड बनाये है .इनके बनाये रिकॉर्ड बहुत ही कम लोग तोड़ पाए है या फिर ना ही तोड़ पाए है .लेकिन वीरेंदर सहवाग के परिवार के बारे में बहुत ही कम लोग जानते है तो चलिए आज जानते है कोन है इनके परिवार में .
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वीरेंदर सहवाग का परिवार है बड़ा
वीरेंदर सहवाग की जनम की बात करे तो इनका जनम 78 में एक जाट परिवार में हुआ था ,और उनके पिता का नाम कृषण सहवाग है और इनकी माता का नाम पिता के नाम से जुड़ा हुआ कृष्णा है .वीरेंदर सहवाग अपने माता पिता की कोई अकेली संतान नहीं है बल्कि उनके इलावा वो 2 बहिन और एक छोटा भाई है .

इनकी तो बहिन है जिनका नाम अंजू और मंजू है और इनके भाई का नाम विनोद है ,इनके पिता बताते है की वीरेंदर के क्रिकेट के प्रति प्यार बहुत ही कम उम्र में जाग गया था .जब उनके पिता ने उनको 7 साल की उम्र में बल्ला ला के दिया था इसके बाद जब वो 12 साल की उम्र के हुए तो वो क्रिकेट खेलते हुए अपना एक दात तुडवा के आ गए .
पिता ने लगा दिया था बेन क्रिकेट खेलने पर
वीरेंदर सहवाग बताते है की जब वो क्रिकेट खेलते हुए अपना दात गवा के आये तो इनके पिता ने इनका क्रिकेट खेलना बंद करवा दिया था ,फिर काफी सालो तक इन्होने क्रिकेट नहीं खेला .इसके बाद माँ ने इनका ये बेन हटवाया और फिर ये क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया .वीरेंदर सहवाग के दो बेटे भी है जिनका नाम आर्यवीर और वेदांत सहवाग है और सहवाग की लम्बाई 5 फूट और सात इंच है .
इन्होने दिल्ली के स्कूल से ही प्रारंभिक शिक्षा ली और फिर उसके बाद दिल्ली के कॉलेज से ही अपनी ग्रेजुएट की पड़ाई पूरी भी की ,आपको बता दे की इन्होने बड़े तोर पर क्रिकेट रणजी ट्राफी खेल कर की और उसके बाद दिलीप ट्रोफी भी खेली .
इनके नाम बहुत से कीर्तिमान है और सबसे बड़ा कीर्तिमान तीहरा शतक का है जो की इन्होने 278 गेंद खेल कर 319 रन बनाये थे जो की आज तक भी किसी से नहीं टूट पाया है .इन्हें भारत सरकार की तरफ से अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है जो की बहुत ही गर्व की बात है .