Makar Sankranti 2023 : दोस्तों भारतीय संस्कृति में त्योहारों का बहुत ज्यादा महत्व है और पुरे वर्ष बहुत से त्यौहार आते है ,दिवाली के बाद त्यौहार ख़तम हो जाते है लेकिन Makar Sankranti पर ये त्यौहार दुबारा से शुरू हो जाती है .इस साल मकर सक्रांति 15 जनवरी को मनाई जायेंगी ,क्योकि 14 तारीख की रात को सूर्य मकर राशि में परवेश करेंगा .हमारी हिन्दू संस्कृति में नेचर का बहुत ही महत्व है और सूर्य को हिन्दू धर्म के लोग बहुत ज्यादा मानते है .अगर शास्त्रों की माने तो एक बार सूर्य अस्त हो जाये तो अगले दिन सूर्य निकलने के बाद ही ध्यान ,स्नान ,और दान का महत्व माना जाता है .
Makar Sankranti 2023 का ये है शुभ मुहरत
मशहूर पंडित रमेश चन्द्र त्रिपाठी की माने तो इस साल जो मकर सक्रांति 15 जनवरी ओ मनाई जायेंगी वो पुरे दिन मनाई जाएँगी ,और पूरा दिन ही अमृत काल माना जायेंगा .और इस काल में सब शुभ काम किये जायेंगे चाहे वो दान हो या फिर स्नान हो .
पंडित जी के अनुसार अबकी बार इस त्यौहार पर सुकर्म और चित्रा योग बन रहा है ,जिसके कारण इस योग में गंगा स्नान किया जाए तो बहुत ही पुण्यकारी माना जायेंगा .अगर आप गंगा स्नान ना कर सके तो आपको अपने घर में गंगा जल की कुछ बुँदे डालनी चाइये इस से आपको गंगा स्नान का ही पुन्य लाभ मिलेंगा .
एक ऐसा मंदिर जहा दवाई से नहीं बल्कि हवा और पानी से होता है इलाज
ज्योतिषाचार्य के अनुसार सूर्य एक ऐसा ग्रह है जो की बाकि के 7 ग्रहों के दोष हो तो उनको नष्ट कर देता है ,अबकी बार 15 जनवरी को खिचड़ी और तिल छूने और खाने में कोई भी दोष नहीं है .इस से संक्रांति में विघन नहीं पड़ता है हा एक बात और की ये जो बाध्यता होती है वो हवन और अग्नि वाले कामो में होती है .
दान और स्नान का शुभ समय
ब्रम्ह मुहरत : 4 .56 से लेकर 5.44 तक
पूण्य काल : सुबह 7.14 से लेकर 12 :36 तक
अति पूण्य काल : सुबह 7.14 से लेकर 9.02 तक